50 बच्चों को गोद लेकर शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा गया

* अंतर्राष्ट्रीय कैलाश सत्यार्थी सम्मान 2025 से देशभर के 50 से अधिक समाजसेवियों को किया गया सम्मानित
अनिल कुमार द्विवेदी
बी न्यूज दैनिक
गोण्डा। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर शान्ती फाउण्डेशन गोण्डा द्वारा विद्या दान महादान अभियान के अंतर्गत वजीरगंज के अशोकपुर टिकिया स्थित शान्ती मेमोरियल स्कूल में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अभियान के अंतर्गत उन बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया गया, जो अनाथ हैं या आर्थिक रूप से अत्यंत कमजोर हैं।
फाउंडेशन द्वारा 50 बच्चों को गोद लेकर उन्हें कॉपी, बैग, स्टेशनरी व आर्ट किट प्रदान की गई तथा उनका विद्यालय में नामांकन कराकर शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. कौशल किशोर मौर्य, विशिष्ट अतिथि नरेंद्र कुमार कौशल, शिव कुमार मौर्य, राम नरेश, अवधेश सिंह व शान्ती फाउण्डेशन की अध्यक्ष पिंकी देवी रहीं। इस अवसर पर शान्ती मेमोरियल स्कूल के प्रधानाचार्य रमेश आनन्द, प्रबंधक गया प्रसाद आनन्द, संरक्षक पद्मश्री विजय कुमार शाह महाराष्ट्र, केतन कुलकर्णी, उमेश कुमार यादव नेपाल तथा कार्यक्रम के प्रणेता राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित सुनील कुमार आनन्द ने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रेरक विचार साझा कर उन्हें सम्मानित किया। कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों के 50 से अधिक शिक्षकों, समाजसेवियों को अंतर्राष्ट्रीय कैलाश सत्यार्थी सम्मान-2025 से सम्मानित किया गया, जिन्होंने बाल श्रम उन्मूलन और शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय योगदान दिया है। सम्मानित व्यक्तित्वों में प्रमुख
जेनेटबेन क्रिश्चियन (गुजरात), संजय कुमार मीडिया प्रभारी शान्ती फाउंडेशन गोण्डा, डॉ माया (महाराष्ट्र), डॉ. ऋषिका वर्मा (उत्तराखंड), वीणा अदवानी तन्वी (महाराष्ट्र), शिक्षिका नीरज नगायच झांसी, चारु मित्रा (उत्तर प्रदेश), डॉ. लक्ष्मण प्रसाद, डॉ. अमिता शुक्ला, डॉ. बी. निर्मला (कर्नाटक), रवि कुमार (राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक, तेलंगाना) कोठा सुप्रिया (राज्य स्तरीय श्रेष्ठ कृषि अधिकारी, तेलंगाना), इरशाद अहमद, प्रजापति हर्षा पटियार तिलक सिंह शामिल हैं। इस अवसर पर जिला श्रम अधिकारी सतेन्द्र कुमार, समाजसेवी राम सजन गोस्वामी, कृषि विज्ञानी शिव कुमार मौर्य, रंजीत यादव (उ.नि.), अजय कुमार शाही, रविन्द्र कुमार स्टेनो आदि को भी सम्मानित किया गया। अभियान के मुख्य सूत्रधार सुनील कुमार आनंद ने कहा कि बाल मजदूरी का अंत तभी संभव है, जब हम मिलकर इन बच्चों को शिक्षा से जोड़ें। बच्चा पढ़ेगा, तभी देश आगे बढ़ेगा।