निजी स्कूलों पर प्रशासन कस रहा नकेल निजी प्रकाशकों की किताबों से शिक्षण कार्य पर डाला जुर्माना

गोण्डा.. राजनीतिक पार्टियों द्वारा निजी स्कूलों और निजी प्रकाशन को लेकर सौपें जा रहे हैं ज्ञापन,
गोंडा जिले की डीएम शर्मा का निजी विद्यालयों की मनमानी पर अंकुश लगना शुरू हो गया है तथा साथ ही साथ निजी विद्यालयों से मनमानी फीस वसूली और प्राइवेट प्रकाशन की पुस्तक लगाने तथा संबंधित दुकान से ही खरीदारी करने के लिए अभिभावकों को बाध्य करना टाई बेल्ट खरीदना और मनमानी फीस वसूली पर जिला विद्यालय निरीक्षक और डीएम साहिबा का रुख स्पष्ट है इसी तरह प्राप्त जानकारी के अनुसार तथा मीडिया स्रोतों से मिली जानकारी के तहत
बहजोई/संभल जनपद के सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड के स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें से शिक्षण कार्य नहीं कराए जाने को लेकर डीएम डा. राजेंद्र पैसिया ने कड़ा रुख अपनाया है। अधिकारियों की जांच में निजी प्रकाशकों की पाठ्य पुस्तकों से शिक्षण कार्य कराए की पुष्टि हुई। इस पर जनपद के 33 स्कूलों पर डीएम ने सख्त कार्रवाई करते हुए सभी पर एक-एक लाख का जुर्माना लगाया है। एक सप्ताह में अर्थ दंड की राशि जमा न करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
चिन्हित से दुकानों से ही किताबें खरीदने को छात्र-छात्राओं को किया जा रहा था मजबूर
बोर्ड की एनसीईआरटी की पुस्तकों के अलावा निजी प्रकाशनों पुस्तकों से शिक्षण कार्य कराए जाने की शिकायत मिली थी। शिकायत का सच जानने के लिए डीएम ने जिला स्तरीय अधिकारियों से इन स्कूलों में जांच कराई। जिसमें पाया गया कि तमाम नामचीन स्कूलों में निजी प्रकाशकों की पाठ्य पुस्तकें पढ़ाई जा रही हैं। छात्र-छात्राओं को एनसीईआरटी की किताबों के अलावा निजी प्रकाशकों की पुस्तक
लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जिस पर डीएम ने जांच के बाद 33 स्कूलों पर कार्रवाई करते 1-1 लाख का अर्थ दंड लगाया है। एक सप्ताह के अंदर भारतीय स्टेट बैंक के खाता संख्या 44052596344 में जुर्माने की राशि जमा करने के आदेश दिए हैं। कहा है कि स्कूल जुर्माना जमा करने के बाद डीआईओएस के यहां पर इसकी रसीद जमा करायें।
चिन्हित दुकानों से पुस्तक खरीदे जाने का हुआ खुलासा बहजोई। डीएम ने जब इस पूरे मामले की जांच कराई तो पता लगा कि निजी प्रकाशन की पुस्तकें स्कूलों में लगी है। वहीं छात्र-छात्राओं को चिन्हित दुकानों से ही पुस्तकें खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है।