सिर्फ कागजों पर निराश्रित गौवंशो के लिए गौशालाओं में स्वास्थ्य सुविधा बेहतर

-हकीकत :- गौशाला में भूख प्यास बिना इलाज के तड़प तड़प कर दम तोड़ रहे गौवंश।
-गौशाला संचालक ने गौशाला को बना लिया कमाई का जरिया।
बजरंग दल कार्यकर्ता ने गौशाला का किया औचक निरीक्षण मिली खामियां
गौवंशो को जंगली जानवर व कव्वे नोच नोच कर बना रहे निवाला।
सीतापुर राकेश पाण्डेय। जिले के विकास खण्ड रेउसा की गौशाला, गौशाला संचालक की कमाई का जरिया बन गयी है।योगी सरकार में गौवंशों पर हो रहा अत्याचार हो रहा है।बजरंग दल के जिला सह मंत्री संदीप अवस्थी ने गौशाला का औचक निरीक्षण किया तो औचक निरीक्षण के दौरान खामियां मिलीं।गौशाला में गौवंशों की हालात दयनीय थी गौशाला में भूख प्यास से तड़प तड़प कर गौवंश दम तोड़ रहे हैं मगर जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे।
जहां डबल इंजन योगी सरकार निराश्रित गौवंशो के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर गौशाला बनवाने का काम करती है लेकिन उन्हीं के अधीनस्थ अधिकारी व कर्मचारियों की मिली भगत के चलते गौशाला संचालक द्वारा गौशाला को कमाई का जरिया समझकर अपनी जेब गर्म करने पर तुले हैं| योगी सरकार गौवंशो के लिए अच्छे खान-पान रहन- सहन स्वास्थ्य ब्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए प्रति गौवंश करीब पचास रुपए देती है, तो वहीं गौशाला संचालक द्वारा गौवंशों को सिर्फ कागजों पर रहन- सहन खान-पान स्वास्थ सुविधा बेहतर मिलती है। लेकिन अगर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा जमीनी हकीकत देखी जाए तो गौशालाओं में रोजाना करीब दर्जनो गौवंश भूख प्यास से तड़प तड़प कर दम तोड़ रहे देते हैं।इसके बाद उनको किसी नाले या तालाब में फेंक कर काम खत्म कर दिया जाता है। जिसका जीता जागता उदाहरण विकास खण्ड रेउसा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बरी में बनी गौशाला में देखने को मिला है।बजरंग के कार्यकर्ता संदीप अवस्थी ने बताया इस गौशाला की स्थिति बहुत दयनीय है जहाँ पर दर्जनों बेजुबान गौवंश तड़प तड़प कर दम तोड़ रहे हैं उन्हें जंगली जानवर व कौव्वे नोच नोच कर खा रहे हैं और डॉक्टर व गौशाला संचालक नदारत हैं कोई उपचार नहीं बिना उपचार गौवंश तड़प रहे हैं।कोई देखने वाला नहीं कोई वारिस नहीं है। जिम्मेदार अधिकारी सरकारी सैलरी लेकर अपनी आवासों पर मलाई काटने में व्यस्त हैं और गौशालाओं में गौवंश तड़प तड़प कर दम तोड़ने को मजबूर हैं।
क्या बोले जिम्मेदार
इस सम्बन्ध में जब खण्ड विकास अधिकारी रेउसा से जानकारी करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली मामले में कुछ भी बताने कतरा गए और फोन काट दिया।
पूरे मामले की जानकारी से अवगत कराने के लिए जब मुख्य विकास अधिकारी निधि बंसल को फोन किया,तो उनके स्टोनो ने बताया मामले को दिखवाता हूँ।