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भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का अपमान!

खैरागढ़  : छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले के जालबांधा पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम अवेली से शुक्रवार सुबह एक सनसनीखेज और शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां अज्ञात असामाजिक तत्वों ने बीती रात गांव के मुख्य चौक पर स्थित भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर जूतों की माला पहना दी। सुबह जब ग्रामीणों की नजर प्रतिमा पर पड़ी, तो हर कोई सन्न रह गया। देखते ही देखते यह खबर गांव से बाहर फैली और पूरे इलाके में आक्रोश की लहर दौड़ गई। घटना की जानकारी मिलते ही भाजपा कार्यकर्ता, पदाधिकारी और स्थानीय नेता अवेली पहुंचने लगे। प्रतिमा का अपमान देख कार्यकर्ताओं में गहरा आक्रोश था। उन्होंने तुरंत प्रतिमा से जूतों की माला हटाई, गंगाजल से उसका शुद्धिकरण किया और नई फूल-मालाएं अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मौके पर माहौल गंभीर बना रहा और बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई।

स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, गुरुवार की रात गांव में कबड्डी प्रतियोगिता आयोजित की गई थी, जिसमें पूरे गांव ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम रात करीब दो बजे तक चला। ग्रामीणों का कहना है कि ठीक उसके बाद सुबह करीब चार बजे गांव की बिजली अचानक गुल हो गई। जब बिजली विभाग से जानकारी ली गई तो पता चला कि किसी ने गांव के ट्रांसफॉर्मर से छेड़छाड़ की थी। इससे यह आशंका गहराने लगी है कि यह कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश थी जिसे अंधेरे का फायदा उठाकर अंजाम दिया गया। इस शर्मनाक घटना ने राजनीति को भी गरमा दिया है।

भाजपा युवामोर्चा के अध्यक्ष आयश सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जैसी महान विभूति का इस तरह अपमान किया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 24 घंटे के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो भाजपा पूरे खैरागढ़ में उग्र आंदोलन करेगी। वहीं कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है। खैरागढ़ विधायक के प्रतिनिधि और कांग्रेस नेता मनराखन देवांगन ने घटना की तीखी निंदा करते हुए कहा कि यह केवल मूर्ति का अपमान नहीं, पूरे लोकतंत्र और राष्ट्र की भावना पर हमला है। उन्होंने भाजपा की आंदोलन की चेतावनी पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा खुद अपनी ही सरकार के खिलाफ क्या आंदोलन करेगी? उन्होंने घोषणा की कि अटल बिहारी वाजपेयी के अपमान का जवाब कांग्रेस देगी और खैरागढ़ में उग्र प्रदर्शन करेगी।

घटना के कई घंटे बीत जाने के बावजूद पुलिस प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। न ही किसी संदिग्ध की पहचान या गिरफ्तारी की जानकारी दी गई है। इससे न सिर्फ ग्रामीणों बल्कि राजनीतिक दलों में भी नाराजगी है। पुलिस की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं क्या प्रशासन किसी दबाव में है, या फिर मामले को हल्के में ले रहा है? अवेली गांव में फिलहाल तनाव का माहौल बना हुआ है। लोग आहत हैं और गुस्से में भी। यह सिर्फ एक प्रतिमा का अपमान नहीं, बल्कि अटल जी जैसे राष्ट्रपुरुष की विचारधारा, संघर्ष और सम्मान के साथ की गई एक नीच हरकत है। अब पूरे क्षेत्र की निगाहें पुलिस की कार्रवाई पर टिकी हैं कि क्या प्रशासन आरोपियों तक पहुंच पाएगा या यह मामला भी केवल राजनीति की भेंट चढ़ जाएगा।

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