सरकारी बंजर भूमि पर अवैध कब्जे का मामला….

न्यायालय आदेश के बावजूद प्रशासन मौन, पीड़ित न्याय की आस में……
मोहनलालगंज। लखनऊ, मोहनलालगंज तहसील क्षेत्र के जमालपुर ददुरी गांव में स्थानीय प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत से सरकारी बंजर भूमि पर अवैध कब्जे का गंभीर मामला सामने आया है। खसरा संख्या 2287/762, जो कि राजस्व अभिलेखों में बंजर भूमि के रूप में दर्ज है, उस पर अवैध रूप से पक्का निर्माण कर लिया गया है। गांव के रहने वाले शंभु पासी का आरोप है कि यह निर्माण हरिश्चन्द्र वर्मा और तत्कालीन प्रधान सर्वेश कुमार द्वारा कराया गया है।इस अवैध निर्माण के खिलाफ मोहनलालगंज के न्यायालय से स्पष्ट आदेश प्राप्त हुआ था कि सम्पूर्ण निर्माण को गिराया जाए, लेकिन आदेश के बावजूद प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की। बल्कि, शिकायतकर्ता शंभु पासी का आरोप है कि तहसील के राजस्व विभाग कर्मचारियों ने मौके पर पहुंच कर अवैध कब्जाधारियों को न केवल नाप कर दी, बल्कि कब्जा भी दिला दिया गया। यह कार्रवाई न्यायालय के आदेश की सीधी अवहेलना मानी जा रही है।प्राप्त जानकारी के अनुसार, बंजर भूमि पर किसी भी प्रकार का निजी निर्माण गैरकानूनी होता है।और इसका उल्लंघन राजस्व व भूमि नियमों का स्पष्ट हनन है। इसके बावजूद शिकायतों के बावजूद अब तक प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।शिकायतकर्ता ने मांग की है कि खसरा संख्या 2287 तथा 762 की बंजर भूमि पर किए गए सम्पूर्ण अवैध निर्माण को तत्काल ध्वस्त किया जाए और भूमि को सुरक्षित कर राजस्व अभिलेखों के अनुसार संरक्षित किया जाए।
यह मामला प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है, खासकर तब जब न्यायालय का आदेश भी मौजूद हो और फिर भी अवैध कब्जे को संरक्षण दिया जाए। अब देखना यह होगा कि शासन और प्रशासन इस प्रकरण को कितनी गंभीरता से लेता है और पीड़ित को न्याय दिलाने की दिशा में क्या कदम उठाए जाते हैं।