सरकारी जमीन पर कब्जे का मामला..

करणी सेना की शिकायत पर जांच नोटिस के बावजूद कार्रवाई नहीं………
अब प्रशासन ने चलाया बुलडोजर, लेकिन खानापूर्ति तक सीमित रही कार्रवाई…….
मोहनलालगंज, लखनऊ। करणी सेना की सक्रियता और दैनिक भास्कर समाचार पत्र में खबर के प्रकाशन के बाद रायभान खेड़ा में सरकारी भूमि पर किए गए अवैध कब्जे को लेकर प्रशासन हरकत में आया, लेकिन कार्रवाई सिर्फ सतही स्तर तक सीमित रही।करणी सेना के जिला युवाध्यक्ष अमर सिंह द्वारा की गई शिकायत पर हुई जांच में सामने आया कि ग्राम रायभान खेड़ा के खसरा संख्या 208, 204, 238, 239, 244, 229, 233, 236, 241 की भूमि पर अवैध निर्माण हुआ है। यह भूमि राजस्व व सिंचाई विभाग की है, जिस पर पद्मजा रियल एस्टेट कंपनी द्वारा कब्जा कर निजी निर्माण व व्यावसायिक गतिविधियाँ संचालित की जा रही थीं।हालांकि, प्रारंभिक जांच के बाद प्रशासन ने पद्मजा ग्रुप के मालिक राजीव सिंह को नोटिस जारी किया था, परंतु एक सप्ताह बाद भी अवैध निर्माण नहीं हटाया गया। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल खड़े होने लगे।
सोशल मीडिया में खबर चलने के बाद प्रशासन हरकत में आया और बुलडोजर चलवाया गया, लेकिन यह कार्रवाई भी केवल औपचारिकता भर साबित हुई। मौके पर मौजूद लेखपाल ने खानापूर्ति करते हुए आंशिक तोड़फोड़ करवाई, जबकि अवैध निर्माण का बड़ा हिस्सा जस का तस बना रहा।स्थानीय लोगों और करणी सेना का आरोप है कि राजस्व अधिकारियों और उच्च प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से भू-माफिया को संरक्षण मिल रहा है। पद्मजा रियल एस्टेट कंपनी सिर्फ रायभान खेड़ा ही नहीं, बल्कि अन्य कई क्षेत्रों में भी सरकारी जमीन पर कब्जा कर उसे बेचने का काम कर रही है।
सवाल यह है कि लेखपालों और संबंधित विभागों को सब कुछ पता होते हुए भी क्यों नहीं की जाती समय पर कार्रवाई।करणी सेना ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द ही सख्त कदम नहीं उठाए, तो जन आंदोलन छेड़ा जाएगा। उन्होंने यह भी मांग की है कि भू-माफियाओं पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए और दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जाए।