उत्तर प्रदेशगोण्डा

मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना में गड़बड़ी पर जिलाधिकारी नेहा शर्मा की सख्त कार्रवाई : पात्र आवेदकों के साथ अन्याय पर जताई गहरी चिंता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

छह बैंकों की शाखाएं जांच के दायरे में : जिला प्रशासन की टीमें करेंगी समीक्षा, पता लगाएंगी लंबित मामलों के वास्तविक कारण

130 से अधिक मामले 6 बैंकों में हैं लंबित : प्रत्येक टीम को सौंपा गया बैंकवार कार्यभार, त्वरित एवं नियमानुसार निस्तारण पर रहेगा विशेष फोकस

एक बैंक शाखा में गड़बड़ी की पुष्टि के बाद डीएम का सख्त रुख : जांच में सामने आई अनियमितता, दोषी अधिकारियों के विरुद्ध होगी कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई

अनिल कुमार द्विवेदी
बी न्यूज दैनिक

गोंडा, 3 मई 2025। जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना के अंतर्गत बैंकों द्वारा पात्र आवेदकों के ऋण आवेदन के निस्तारण में लापरवाही और भ्रष्टाचार की शिकायत का तत्काल संज्ञान लेते हुए सख़्त कार्रवाई की है। उन्होंने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए न केवल एक बैंक की जांच कराई, बल्कि जनपद के उन सभी शाखाओं की जांच के आदेश दे दिए हैं जहां इस योजना से संबंधित आवेदन लंबित हैं। अधिकारियों की 6 अलग-अलग टीमों का गठन भी किया है, जो यह पता लगाएंगी कि किन कारणों से योजनांतर्गत आवेदन लंबित हैं और कहाँ पर प्रक्रियात्मक लापरवाही हुई है।

डीएम से की गई थी एक बैंक की शिकायत, जांच में मिली लापरवाही की पुष्टि

यह मामला तब सामने आया जब करनैलगंज तहसील के मौजा देवापसिया निवासी श्रीमती समीरा ने जिलाधिकारी को एक शिकायती पत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना के अंतर्गत उनके ऋण आवेदन को बैंक द्वारा बिना आधार के निरस्त कर दिया गया और बैंक अधिकारी द्वारा अवैध धनराशि की मांग की गई।

जिलाधिकारी ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उपजिलाधिकारी द्वितीय श्री विशाल कुमार एवं अग्रणी जिला प्रबंधक श्री अभिषेक रघुवंशी की एक संयुक्त जांच टीम गठित की। इस टीम ने 1 मई 2025 को संबंधित बैंक शाखा का निरीक्षण किया और शिकायतकर्ता एवं बैंक अधिकारियों से पूछताछ की।

जांच में सामने आए तथ्य

जांच में पाया गया कि बैंक शाखा द्वारा ऋण आवेदन को RACC को अग्रसारित किया गया था, किंतु स्पष्टीकरण की मांग आने के बावजूद बैंक ने न तो कोई कार्यवाही की और न ही लाभार्थी को सूचित किया। आवेदन यह कहकर निरस्त कर दिया गया कि शिकायतकर्ता के पति पहले से वही व्यवसाय संचालित कर रहे हैं, जबकि जांच में यह तथ्य सामने आया कि पति का व्यवसाय भिन्न स्थान पर है और शिकायतकर्ता ने किराये की दुकान पर अलग इकाई के लिए आवेदन किया था। यह स्पष्ट हुआ कि बैंक द्वारा अनियमित और भ्रामक आधारों पर आवेदन अस्वीकृत किया गया।

जिलाधिकारी का निर्देश: दोषियों पर कार्रवाई, सभी शाखाओं की जांच

जांच में पुष्टि होने के बाद जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि शिकायतकर्ता के ऋण आवेदन को पुनः नियमानुसार प्रक्रिया में लाया जाए और शीघ्र निस्तारित किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने सभी बैंक शाखाओं के लंबित आवेदनों की समीक्षा एवं जांच हेतु 6 अधिकारियों की टीमों का गठन किया है, जिनमें उपायुक्त उद्योग, अग्रणी जिला प्रबंधक, जिला कृषि अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, एवं प्रभागीय वन अधिकारी शामिल हैं।

लापरवाही या भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई होगी

जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने स्पष्ट किया है कि शासन की प्राथमिक योजनाओं के पारदर्शी क्रियान्वयन में लापरवाही, अनियमितता या भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषी पाए जाने वाले बैंक कर्मियों एवं अधिकारियों के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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