मत्स्य पालकों के लिए मंडलीय संगोष्ठी का आयोजन

प्रयागराज ०२ जून
बीके यादव/बालजी दैनिक
ज़िला पंचायत सभागार में उत्तर प्रदेश सरकार के मत्स्य पालन मंत्री एवं निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार निषाद की अध्यक्षता में मंडलीय मत्स्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में प्रयागराज मंडल के सैकड़ों मत्स्य पालकों ने भाग लिया। संगोष्ठी में डॉ. निषाद ने केंद्र और राज्य सरकार द्वारा मत्स्य पालकों के लिए चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी और सभी लाभार्थियों से योजनाओं का अधिकतम लाभ लेने की अपील की। उन्होंने मत्स्य पालकों को संबोधित करते हुए कहा कि “मछुआ समाज का समुचित विकास सरकार की प्राथमिकता है। प्रदेश में मत्स्य पालन से जुड़े लोगों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाकर ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जा सकती है।” इस अवसर पर डॉ. निषाद ने विभागीय योजनाओं-जैसे प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना,मत्स्य बीमा योजना, मत्स्य ऋण योजना और अनुदानित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने उपस्थित मत्स्य पालकों से कहा कि वे सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाएं और अपने हक की लड़ाई में संगठित होकर आगे आएं। डॉ. निषाद ने कहा कि निषाद,मल्लाह,बिंद, कश्यप जैसे जलाशयों पर आश्रित समाज को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सरकार ने इन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की ठोस पहल की है। उन्होंने मत्स्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से दिया जाए।उन्होंने कहा कि “मछुआ समाज के ऐतिहासिक हक और अधिकार अब सिर्फ सपना नहीं रहेंगे, बल्कि योजनाओं के ज़रिए साकार होंगे।”डॉ. निषाद ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) समेत अनेक राज्यीय योजनाएं आज इस समाज के लिए शक्ति, सुरक्षा और समृद्धि का स्रोत बन रही हैं
निषाद ने प्रमुख योजनाओं की जानकारी दी।डॉ. संजय कुमार निषाद ने अपने संबोधन में करछना विधानसभा सीट को लेकर बड़ा राजनीतिक संदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि “करछना विधानसभा सीट निषाद पार्टी के खाते की सीट थी और रहेगी। आगामी विधानसभा चुनाव में इस सीट पर निषाद पार्टी ही चुनाव लड़ेगी।” उन्होंने मंच से चेतावनी देते हुए कहा कि “जो लोग निषाद पार्टी के टिकट पर विधायक बने हैं, उन्हें यह भ्रम नहीं पालना चाहिए कि वे भाजपा से टिकट लेकर वापस आ सकते हैं। जो लोग आज निषाद पार्टी की आलोचना कर रहे हैं, वे कभी निषादों के ‘विभीषण’ बनकर पार्टी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर चुके हैं।डॉ.निषाद ने यह भी कहा कि जो नेता पहले करछना से हार चुके थे, वे तभी जीते जब निषाद पार्टी ने उन्हें समर्थन दिया।उन्होंने कहा कि नदी, तालाब,झील और जलाशयों पर पहला अधिकार उसी का होना चाहिए,जिसकी पीढ़ियां सदियों से उससे जुड़ी रही हैं, लेकिन व्यवस्थागत शोषण के कारण मछुआ समाज को हाशिए पर ला दिया गया है। डॉ. निषाद ने गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम स्थल प्रयागराज का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि यह भूमि जहां धार्मिक दृष्टि से पवित्र है, वहीं यह मछुआ समाज की परंपरागत आजीविका और अस्मिता का केंद्र भी है। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार मछुआ समुदाय को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजनाओं का विकेन्द्रीयकरण कर रही है, ताकि लाभ सीधे समुदाय तक पहुंचे और उनका सशक्तिकरण हो। कार्यक्रम के अंत में डॉ. निषाद ने कहा कि अब समय आ गया है कि मछुआ समाज अपने अधिकारों को समझे, जागरूक बने और स्वयं नेतृत्व करे। उन्होंने समाज के युवाओं से आह्वान किया कि वे मछली उत्पादन, मत्स्य प्रसंस्करण और व्यवसायिक उद्यमिता के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ें।