उत्तर प्रदेशगोण्डा

डीएम का सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कड़ा रुख, एफआईआर दर्ज

डीएम नेहा शर्मा ने ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत सरकारी भूमि हड़पने वालों पर कसा शिकंजा

संपूर्ण समाधान दिवस पर आई शिकायत बनी सख्त कार्रवाई का आधार, दर्ज हुई प्राथमिकी

अनिल कुमार द्विवेदी
बी न्यूज दैनिक

गोण्डा। जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा सार्वजनिक एवं ग्रामसभा की भूमि पर अवैध अतिक्रमण की घटनाओं पर “जीरो टॉलरेंस नीति” के तहत सख्त एवं त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। इसी क्रम में ग्रामसभा मानवनां, चोनपुर में तालाब की भूमि पर अवैध कब्जे के एक गंभीर प्रकरण में प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए जाने पर थाना धानेपुर में शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह प्रकरण संपूर्ण समाधान दिवस दिनांक 3 मई 2025 को प्रस्तुत एक शिकायत में सामने आया था, जिसमें शकील अहमद पुत्र सलामत द्वारा यह आरोप लगाया गया था कि ग्रामसभा मानवनां, चोनपुर, गाटा संख्या 1225 (क्षेत्रफल 0.0454 हेक्टेयर), जो राजस्व अभिलेखों में तालाब के रूप में दर्ज है, उस पर हजारीलाल पुत्र गिरधारीलाल द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया गया एवं उक्त भूमि को अन्य व्यक्तियों हिसामुद्दीन, करीमुद्दीन, श्रीमती अख्तरी बानो, इकरार अहमद, एवं इरशाद हुसैन को विक्रय कर दिया गया। उक्त शिकायत को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी ने तत्काल उप जिलाधिकारी (सदर) अशोक कुमार गुप्ता के नेतृत्व में राजस्व टीम को जांच के निर्देश दिए। जांच उपरांत प्रस्तुत प्रतिवेदन में आरोपों को सत्य पाया गया। जिसके आधार पर जिलाधिकारी द्वारा दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के निर्देश निर्गत किए गए। उप जिलाधिकारी सदर ने अवगत कराया कि राजस्व विभाग के लेखपाल हितेश कुमार तिवारी द्वारा थाना धानेपुर में विधिसम्मत शिकायत दर्ज कराई गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि तालाब की भूमि सार्वजनिक हित हेतु आरक्षित होती है, जिसे न तो विक्रय किया जा सकता है और न ही उस पर किसी प्रकार का निजी स्वामित्व स्थापित किया जा सकता है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कहा है कि जनहित में आरक्षित सार्वजनिक एवं ग्रामसभा की भूमि पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण, अवैध विक्रय अथवा फर्जी अभिलेखों के आधार पर संपत्ति संबंधी लेन-देन की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस प्रकार के प्रकरणों में एफआईआर दर्ज कर दोषियों के विरुद्ध कठोर विधिक एवं न्यायालयीन कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी तथा आवश्यकतानुसार भूमि की राजस्व अभिलेखों में पुनर्प्राप्ति की कार्रवाई भी की जाएगी।

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