रक्तदान जीवन बचाने की महान परंपरा कुलपति – डॉ. बिजेंद्र सिंह

विश्व रक्तदान दिवस पर अवध विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित हुआ रक्तदान शिविर
बलराम मौर्य/ बालजी हिन्दी दैनिक
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के पद्मश्री अरुणिमा सिन्हा क्रीड़ा संकुल में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। विश्व रक्तदान दिवस 14 जून 2025 का आयोजन विश्वविद्यालय की कुलाधिपति के निर्देश के क्रम में कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह की अध्यक्षता में किया गया। कुलपति ने कहा कि विश्व रक्त दान दिवस को लगभग दो दशक पहले संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई थी। इसका उद्देश्य रक्त सुरक्षा मानकों को सुसंगत बनाना रहा। विश्व रक्तदान दिवस को 2004 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अपनाया गया। रक्तदान महादान है, देश में सुरक्षित रक्त जरूरतमंदों तक पहुंचे यही लक्ष्य होना चाहिए। रक्तदान से और लोगों के जीवन बचाने की यह महान परंपरा बनी रहे। कुलपति ने रक्तदाता को रक्तदान प्रमाण पत्र एवं पोषक आहार देकर सम्मानित एवं प्रोत्साहित किया। स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में विश्वविद्यालय के शिक्षक कर्मचारी एवं छात्रों ने हिस्सा लिया। विश्वविद्यालय की चिकित्सा प्रभारी डॉ. दीपशिखा चौधरी ने बताया कि विश्व रक्त दान दिवस 2025 की थीम है ‘रक्त दें, आशा दें’ यह संदेश हमें जीवन बचाने में मदद करने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान अमूल्य है। उन्होंने लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि डॉ. विनोद चौधरी ने पूर्व की भाँति इस बार भी स्वैच्छिक रक्त दान कर लोगों को संदेश दिया कि यह परंपरा बनी रहनी चाहिए। रक्त दान शिविर का संचालन अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. सुरेन्द्र मिश्र, जिला चिकित्सालय रक्त कोष केंद्र विशेषज्ञों के सहयोग से संपूर्ण हुआ । इस कार्यक्रम में डीन ऑफ साइंस प्रो. संत शरण मिश्र, कुलसचिव एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनय सिंह, प्रो. हिमांशु शेखर सिंह, प्रो. शैलेन्द्र कुमार वर्मा, प्रो. सुरेंद्र मिश्र तथा होमीयोंपैथ चिकित्सक डॉ. दीपशा दुबे उपस्थित रहे ।