बिना डॉक्टर के चल रहे अवैध हॉस्पिटल

स्वास्थ्य विभाग सोया है कुंभकरण की नींद
ब्यूरो रिपोर्ट अनूप पाण्डेय
जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सीएमओ व जिलाधिकारी को कड़े निर्देश दिए गए है कि किसी भी क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर अपना हॉस्पिटल न संचालित कर पाए यदि कर रहे तो इन पर कड़ी कार्यवाही की जाए वही इन्ही के विभाग के नाक के नीचे झोलाछाप डॉक्टर अपना मकड़जाल फैलाए हुए इनके निर्देशों पर पानी फेरते नजर आ रहे है हम बात कर रहे है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लहरपुर क्षेत्र की जिसे अवैध हॉस्पिटलों का हब कहा जाता है जो कि इन दिनों पेपर की सुर्खियों में छाया रहे है जहा के संचालक धड़ल्ले से बिना किसी डर के अपना हॉस्पिटल संचालित कर रहे है सीएचसी क्षेत्र के मर्सी हॉस्पिटल में हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन तो है मगर मानकों के अनुसार डॉक्टर और पैरामेडिकल टीम का नामों निशान नहीं है वही हाल मैक्स हॉस्पिटल का है जहा रजिस्ट्रेशन का हवाला देकर धड़ल्ले से अपना हॉस्पिटल संचालित कर रहे है और बात करे सुविधाओ की तो हॉस्पिटल में पूरा खाका तैयार कर रखा है जिसमे एनआईसीयू,आईसीयू,ओटी, नॉर्मल डिलीवरी, सिजीरियन डिलीवरी सहित हॉस्पिटल संचालित कर रहे है इनके द्वारा धड्डले से मरीजों का लगातार इलाज किया जाता है साथ में डिलीवरी और सीजर ऑपरेशन और भारी तादात में डी एंड सी का कारोबार चल रहा है जबकि शासन द्वारा जननी सुरक्षा योजना के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डिलीवरी की संपूर्ण व्यवस्था सहित अनुदान भी मिलता है मगर इन्ही के विभाग की आशाओं द्वारा चंद पैसे के लिए मरीजों को जान बेच दिया जाता है कही न कही ये झोलाछाप डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग को चुनौती दे रहे है कि हमे कोई डर नही है तुम्हारी कार्यवाही का अब सवाल यह उठता है कि इन झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा गलत इलाज कर छोटी बीमारी को बड़ी गंभीर बीमारी बनाने का कारोबार किया जा रहा है वही सवाल यह खड़ा होता है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इनको रजिस्ट्रेशन किस आधार पर दे दिया गया है ये सवाल आम जनमानासो ने बना हुआ है और स्वास्थ्य पर भी कई सवालिया निशान खड़ा हुआ है वही इस संबंध में सीएचसी अधीक्षक अरविंद बाजपेई से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जांच कर कड़ी कार्यवाही की जायेगी ।