निगोहां पंचायत में जनता बेहाल: सर्व सेवा केंद्र पर ताले, गंदगी से त्रस्त ग्रामीण अधिकारी बेपरवाह

निगोहा। लखनऊ। विकास खण्ड मोहनलालगंज के निगोहां ग्राम पंचायत क्षेत्र की बदहाली की तस्वीरें लगातार उजागर हो रही हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। पंचायत क्षेत्र में बने सर्व सेवा केंद्र पर लंबे समय से ताला लटका हुआ है। ग्रामीणों ने इस संबंध में कई बार उच्चाधिकारियों से शिकायत की, लेकिन अब तक ताला नहीं खोला गया है और न ही वहां कोई कर्मचारी बैठता नजर आता है।यह सर्व सेवा केंद्र आम जनता की समस्याओं को सुनने और समाधान के लिए हलका लेखपाल, सचिव, ग्राम पंचायत समिति के अध्यक्ष तथा अन्य संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति के लिए बनाया गया था, लेकिन आज वह महज एक बंद भवन बनकर रह गया है। जब इस बारे में विकास खंड अधिकारी आशुतोष श्रीवास्तव से पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैं एडीओ पंचायत से दिखवाता हूं, और जल्द ही संबंधित कर्मचारियों को चेतावनी देकर बैठने को कहा जाएगा।”
गंदगी और बदहाली की चपेट में निगोहां……..
ग्रामीण अंकुर त्रिवेदी ने बताया कि गांव में नालियों की सफाई अनियमित रूप से होती है। जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है जिससे बीमारियों का खतरा बना हुआ है। वहीं राजन सिंह का कहना है कि गांव में वर्षों पहले बनी पानी की टंकी सिर्फ नाम की रह गई है, आज तक उससे गांव के किसी भी व्यक्ति को पानी नहीं मिला है।ग्राम विकास अधिकारी की अनुपस्थिति का असर साफ तौर पर ग्रामीणों की दिनचर्या पर पड़ रहा है। लोगों को छोटे-छोटे कामों के लिए दर-दर भटकना पड़ता है, लेकिन पंचायत कार्यालय में सुनवाई नहीं होती।
सामुदायिक केंद्र बना पशुओं का बसेरा………
निगोहां कस्बे में बने सामुदायिक केंद्र की स्थिति भी अत्यंत दयनीय है। वहां सफाई का कोई प्रबंध नहीं है और गंदगी के चलते अब यह स्थान जानवरों का बसेरा बन गया है। जब ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान अभय कांत दीक्षित से इस संबंध में बात की तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “सफाई नहीं करवाएंगे, जहाँ शिकायत करनी हो जाकर कर दो।”
प्रशासन की अनदेखी से बढ़ रही समस्याएं…….
सामाजिक कार्यकर्ता देवेश बाजपेयी ने बताया कि मोहल्ले की नाली पिछले एक सप्ताह से सड़क पर बह रही है। इस मुद्दे को सचिव, सहायक विकास अधिकारी और खंड विकास अधिकारी तक कई बार पहुंचाया गया है, लेकिन अब तक किसी ने कार्रवाई नहीं की।ग्रामीणों की यह स्थिति स्पष्ट करती है कि निगोहां क्षेत्र में न तो प्रशासनिक गतिविधियां सक्रिय हैं और न ही जनप्रतिनिधि अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन कर रहे हैं यदि जल्द ही स्थिति नहीं सुधरी, तो ग्रामीणों में आक्रोश और गहरा सकता है।