पाठ्यचर्चा संस्कार युक्त शिक्षा एवं विद्यार्थियों के राष्ट्रीय चरित्र निर्माण पर बल देती है-प्रदीप जायसवाल

बच्चे किसी भी अवधारणा को सरल एवं रोचक ढंग से सीख एवं समझ लेते हैं-डॉ विनीता जायसवाल
रानी रेवती देवी में चल रहे प्रधानाचार्य सम्मेलन का तीसरा दिन
प्रयागराज ०८ म ई
बीके यादव/बालजी दैनिक
विद्या भारती से संबद्ध काशी प्रांत के रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज राजापुर प्रयागराज के सभागार में प्रधानाचार्य बांके बिहारी पाण्डेय के संयोजन में चल रहे पांच दिवसीय प्रांतीय प्रधानाचार्य योजना बैठक के तीसरे दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि वाराणसी से पधारे हुए एस.सी.इ.आर. टी. के प्रवक्ता प्रदीप जायसवाल, काशी हिंदू विश्वविद्यालय की प्रोफेसर विनीता जयसवाल सहित विद्या भारती के अधिकारियों एवं अन्य सम्मानित अतिथियों द्वारा मां सरस्वती जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन से प्रारंभ हुआ l
क्षेत्रीय संगीत संयोजक एवं मीडिया प्रभारी मनोज गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम के प्रथम सत्र में संयोजक संस्कृति बोध परियोजना पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र राजकुमार सिंह एवं प्रधानाचार्य गिरिवर त्रिपाठी ने संस्कृति ज्ञान परीक्षा के संबंध में विस्तार से चर्चा की तथा इस परीक्षा को विद्या भारती के अतिरिक्त चलने वाले प्रत्येक विद्यालय एवं उसमें शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों तथा उनके अभिभावकों से भी सहभागिता करने का आग्रह किया l द्वितीय सत्र में क्षेत्रीय शिशु वाटिका प्रमुख विजय उपाध्याय एवं प्रधानाचार्या मीरा पाठक ने शिशु वाटिका को और अधिक प्रभावशाली एवं गुणवत्तापूर्ण बनाने पर प्रधानाचार्यों से आग्रह किया l तृतीय सत्र में प्रधानाचार्य अवधेश कुमार मिश्रा ने वैदिक गणित के बारे में विस्तार पूर्वक बताया l तत्पश्चात क्षेत्रीय सह संगठन मंत्री डॉ राम मनोहर ने विद्या भारती की वंदना को और कैसे आकर्षक और स्वर साधना से परिपूर्ण बनाया जाए इस पर तथा परीक्षा परिणाम, संपर्क एवं शिशुवाटिका एवं हमारा लक्ष्य पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए इसका अनुपालन करने पर जोर दिया l संभाग निरीक्षक गोपाल तिवारी ने मानक परिषद के स्मरणीय बिंदु पर सबका ध्यान आकर्षित किया l
प्रधानाचार्यों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रदीप जायसवाल ने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रुपरेखा- स्कूल शिक्षा 2023 के बारे में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसा को धरातल पर लागू करने के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रुपरेखा 2003 महत्वपूर्ण दस्तावेज है। उन्होंने कक्षा शिक्षण को रोचक एवं प्रभावी एवं बेहतर बनाने एवं बच्चों के अधिगम स्तर को उन्नत करने के लिए विभिन्न विधियों के बारे में बताया । विद्यालय में सकारात्मक शैक्षिक संस्कृति का विकास करने हेतु योजनाबद्ध ढंग से सुझावों को लागू करने की बारीकियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि यह पाठ्यचर्या संस्कार युक्त शिक्षा एवं विद्यार्थियों के राष्ट्रीय चरित्र निर्माण पर बल देती है। l मुख्य अतिथि के उद्बोधन के पश्चात डॉo विनीता जयसवाल असिस्टेंट प्रोफेसर बी०एच०यू० वाराणसी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुशंसाओं एवं उसके क्रियान्वयन के विभिन्न पहलुओं के बारे में चर्चा की। उन्होंने स्कूल शिक्षा ईसीसी, समावेशी शिक्षा आदि बिंदुओं पर अपने विचार व्यक्त किए। डॉ विनीता ने बताया कि शिक्षा में सकारात्मक परिवर्तन के लिए बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक पोषण पर विशेष बल दिए जाने की आवश्यकता है।
प्रदेश निरीक्षक शेषधर द्विवेदी ने अतिथियों का परिचय कराया तथा सत्र में होने वाले प्रमुख बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला। बैठक पांच सत्रों में संपन्न हुई जिसमें संकुलश: कार्य योजना का वाचन सभी संकुल प्रमुख प्रधानाचार्यों ने किया l इस अवसर पर समस्त प्रधानाचार्य उपस्थित रहे l
स्वागत प्रधानाचार्य बांके बिहारी पाण्डेय ने तथा संचालन प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर सिंह परिहार ने किया l