मुक्त विश्वविद्यालय दृश्य श्रव्य माध्यम की तरफ आगे बढ़ रहा- प्रोफेसर सत्यकाम

एक वर्ष पूर्ण होने पर हुआ कुलपति का अभिनंदन
प्रयागराज १० जून
बीके यादव/ बालजी दैनिक
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के सरस्वती परिसर स्थित लोकमान्य तिलक शास्त्रार्थ सभागार में वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य सत्यकाम ने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिवेश में मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा के आयाम निरंतर व्यापक होते जा रहे हैं। वैश्वीकरण के दौर में जब अर्थव्यवस्था निर्धारक भूमिका निभा रही है, ऐसे में व्यक्ति के समक्ष अपनी आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ शिक्षा में प्रगति करना एक चुनौती बनता जा रहा है। इस परिस्थिति में मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा व्यक्ति को उसके शैक्षिक उन्नति का अवसर प्रदान करती है। कुलपति ने कहा कि मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा विभिन्न पद्धतियों का एक मिला-जुला रूप है। इसमें वर्तमान समय में ऑडियो विजुअल प्रणाली प्रमुखता से उभर कर सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि ऑडियो विजुअल पद्धति के प्रयोग के माध्यम से मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा ज्ञान के वैश्विक प्रसार की ओर अग्रसर है। मुक्त विश्वविद्यालय अब दृश्य श्रव्य माध्यम की तरफ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने सभी शिक्षकों को स्वयंप्रभा चैनल के लिए कार्यक्रम तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों से विश्वविद्यालय की ख्याति अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होगी।
इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम के कार्यकाल के एक वर्ष के सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर शिक्षकों ने कहा कि विश्वविद्यालय को हमेशा आगे बढ़ाने में यहां के विद्वान कुलपतियों का विशेष योगदान रहा है। यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा के विद्वान प्रोफेसर सत्यकाम के नेतृत्व में मुक्त विश्वविद्यालय ने विगत एक वर्ष में महत्वपूर्ण उपलब्धि अर्जित की है। जिनमें स्व अध्ययन पाठ्य सामग्री लेखन तथा यूजीसी द्वारा 12 बी की मान्यता मिलना प्रमुख है। निश्चय ही उनके नेतृत्व में यह विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा संस्थानों के लिए नए मानक स्थापित करेगा।
इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम के सम्मान में शिक्षकों ने उन्हें अभिनंदन पत्र भेंट किया। समारोह का संचालन डॉ आनंदानंद त्रिपाठी तथा संगोष्ठी की विषयवस्तु प्रोफेसर एस कुमार ने प्रस्तुत की। अभिनंदन पत्र का वाचन डॉ त्रिविक्रम तिवारी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर सत्यपाल तिवारी ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर आशुतोष गुप्ता, प्रोफेसर पीके स्टालिन, प्रोफेसर छत्रसाल सिंह, प्रोफेसर श्रुति, प्रोफेसर जे पी यादव आदि उपस्थित रहे।