अवध विवि में विश्व प्रेस दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन

प्रेस की स्वतंत्रता संविधान के मूल अधिकारों मेंः डाॅ0 चतुर्वेदी
लोकतंत्र के लिए प्रेस की स्वतंत्रता अहमः डाॅ0 आरएन पाण्डेय
बलराम मौर्य/ बालजी हिन्दी दैनिक
अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में विश्व प्रेस दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। एमसीजे समन्वयक डाॅ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी ने बताया कि यह दिन पत्रकारों को सम्मानित करने का दिन है जो कठिन एवं चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में रिपोर्टिंग करना जारी रखते है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के मूल अधिकारों में सन्निहित है जो अन्य देशों के मुकाबले कही अधिक है। नैतिक पत्रकारिता शांति और मानवाधिकारों की रक्षा करती है। संगोष्ठी के उद्बोधन में डाॅ0 आरएन पाण्डेय ने कहा कि विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का उद्देश्य प्रेस की स्वतंत्रता का मूल्यांकन करना, प्रेस की स्वंतत्रता को बाहरी हमलों से सुरक्षित करना है। क्योंकि लोकतंत्र के लिए प्रेस की स्वतंत्रता अहम है। इसलिए प्रेस को लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ कहा गया है।
इसी क्रम में एमसीजे की छात्रा अनुश्री यादव ने कहा कि मै कलम हूॅ मै सवाल हॅॅू यह जंग है आजादी की जो माइक के पीछे से लड़ी जाती है। कामिनी चैरसिया ने कहा कि सत्ता से सवाल करना मेरा धर्म है। मै पत्रकार हूॅ। कल्याणी यामिनी ने कहा कि उस स्तम्भ का सम्मान करो जो समाज को आवाज देता है। कीमती वस्तु नही होती कीमती समय होता है। छात्रा महिमा ने कहा कि स्वतंत्र प्रेस लोकतंत्र की रीढ होती है। स्वतंत्र पत्रकारिता सत्ता को जवाबदेह बनाती है। छात्र नावेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि ए कलम मुझ पर तू इतना एहसान कर जो कह न पांउ उसे तू बयां कर। साम्भवी गुप्ता ने कहा कि स्याही की बूंद बूंद त्याग और समर्पण का प्रतीक है। छात्र नीरज मौर्य ने कहा कि झूठी खबरों से जागरूक रहे। पत्रकार हमारी प्रेरणा के श्रोत है। दीप गोपाल मिश्र ने कहा कि प्रेस सिद्धांतों का पालन करना हमारा धर्म है। कार्यक्रम का संचालन सुुगन्धा तिवारी ने किया। इस अवसर पर दयानन्द तिवारी, शिवांश चतुर्वेदी, अदिति पाठक, सृष्टि कौशल सहित अन्य मौजूद रहे।