अयोध्याउत्तर प्रदेश

लाखों रुपए की शीशम की लकड़ी हो गई गायब , 40 दिन में नहीं हुई कोई कार्यवाही अधिकारियों की कार्यशैली सवालों के घेरे में

वन विभाग के गले की फांस बनी, लाखों के शीशम की गायब लकड़ी

हरिश्चन्द्र मौर्य / बालजी हिन्दी दैनिक
सोहावल अयोध्या l अयोध्या जिले के सोहावल क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोटे का पुरवा शायद सहायक नहर के किनारे से करीब लाखों रूपये की गायब की गई बेशकीमती शीशम की लकड़ी अब वन विभाग के गले की फांस बन चुकी है। वन विभाग के अधिकारी एक दूसरे पर अपनी गलती का ठीकरा फोड़ रहे है। जबकि मामले में स्थानीय लोग गायब लकड़ी को लेकर विभागीय कर्मियों की मिलीभगत का आरोप लगा रहे है। वहीं विभाग की गायब लकड़ी के विषय में अब तक की कार्रवाई भी संदेह के घेरे से गुजर रही है। बीते 17 अप्रैल को सोहावल क्षेत्र में आई तेज आंधी और पानी के बीच सैकड़ों पेड़ उखड़ कर धराशाई हो गए थे। आंधी के चलते ग्राम कोटे का पुरवा के पास शारदा सहायक नहर के किनारे बेशकीमती दशकों पुराना भारी भरकम पेड़ भी गिर गया था। इसके बाद वन विभाग गिरे शीशम के पेड़ पर अपना हक जताते हुए कटवा डाला और लकड़ी का आठ बोटा मौके पर छोड़ कर चले गए थे। पता चला कि शारदा सहायक नहर सिंचाई विभाग के अधिकारी भी गिरे पेड़ पर अपना मालिकाना हक जताता रहा। जिसे लेकर वन व सिंचाई दोनों विभाग से जुड़े अधिकारी के बीच जुबानी जंग भी हो चुकी थी। इस बीच वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी लकड़ी उठाने को लेकर कोई कवायद नहीं किया। शायद विभागीय कर्मचारियों की मंशा साफ नहीं थी। जबकि अब विभाग के बड़े अधिकारी कह रहे है कि काटी गई लकड़ी बगल के गांव देवराकोट में स्थित नर्सरी में रखने के लिए वन दरोगा मिश्रीलाल को निर्देशित किया गया था। हालांकि इस बीच बीते रविवार को शीशम के काटकर नहर के किनारे रखे सभी बोटे गायब हो गए। गायब लकड़ी की कीमत करीब एक लाख के आस पास बताई जा रही है। इस बीच गायब लकड़ी को लेकर वन विभाग के स्थानीय अधिकारी अपने बड़े अधिकारियों से छिपाए बैठे रहे। लेकिन मामले में उछाल तब आ गया। जब लकड़ी काटने वाले मजदूरों का मजदूरी को लेकर सब्र का बांध टूट गया। बताया जाता है कि लकड़ी काटने के लिए जिन मजदूरों को वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने बुलाया था। उनकी मजदूरी भी नहीं दी गई थी। मजदूरों को मौके पर पड़ी लकड़ी से इत्मीनान रहा कि जब लकड़ी उठाने के लिए अधिकारी बुलाएंगे। तो पहले मजदूरी का हिसाब पहले होगा। लेकिन मौके से लकड़ी हट जाने की जानकारी मिलते ही मजदूर अपनी मजदूरी वन दरोगा मिश्रीलाल और वनमाली रामराज से मांगने लगे। मजदूरों को बताया गया कि लकड़ी चोरी हो गई। कोई चोरी से उठा ले गया। गायब लकड़ी की तलाश की जा रही है। इसके बाद मजदूर ने प्रवर्तन दल प्रभारी सरयू वृत अयोध्या दुर्गा प्रसाद से घटना की जानकारी देते हुए। मजदूरी दिलाने की मांग किया। इसके बाद दुर्गा प्रसाद ने पूरे प्रकरण को क्षेत्रीय वन अधिकारी अयोध्या रेंज रत्नेंद्र कुमार त्रिगुणायत को घटना से अवगत कराया और कहा कि संबंधित बीट प्रभारी रामराज यादव व वन दरोगा मिश्रीलाल को भी अपने स्तर से लकड़ी बरामद व कार्रवाई करने हेतु निर्देशित करे। लेकिन अभी तक क्षेत्रीय वनाधिकारी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि 24 घंटे के अंदर विधिक कार्रवाई करके प्रभागीय वनाधिकारी को सूचित किया जाता है।

क्षेत्रीय वन अधिकारी अयोध्या रेंज रत्नेंद्र कुमार त्रिगुणायत ने बताया कि स्थानीय वनाधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। काटी गई लकड़ी को बगल के गांव में स्थित नर्सरी में रखने को निर्देशित किया गया था। गायब लकड़ी बरामद नहीं हुई तो जिम्मेदारों की सैलरी से काटकर रिकवरी की जाएगी।

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