राजा नल का ऐतिहासिक किला बना अतिक्रमण का शिकार, समाजसेवी ने जिलाधिकारी से की कार्रवाई की मांग…..

मोहनलालगंज, लखनऊ। तहसील समाधान दिवस के दौरान जिलाधिकारी विशाख जी की अध्यक्षता में समाजसेवी एवं अधिवक्ता सुशील रावत ने एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। उन्होंने नगराम तहसील स्थित ऐतिहासिक “राजा नल का किला” को लेकर जिलाधिकारी को एक लिखित शिकायत सौंपी और तत्काल कार्रवाई की मांग की।शिकायत पत्र में सुशील रावत ने उल्लेख किया कि यह किला एक प्राचीन धरोहर है जिसका ऐतिहासिक उल्लेख 1877 के “गजेटियर प्राविन्स ऑफ अवध” में मिलता है। यह किला नगराम क्षेत्र में “माउंट ऑफ नगराम” के नाम से दर्ज है और लगभग 86100 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। किले का निर्माण तत्कालीन समय की प्रसिद्ध लाखोरी ईंटों से हुआ था, जो आज भी अपने अस्तित्व के कुछ चिन्हों के साथ खंडहर रूप में मौजूद है।समाजसेवी ने शिकायत में यह भी बताया कि इस ऐतिहासिक धरोहर के कुछ भागों पर अवैध रूप से झोपड़पट्टियां, पक्के मकान और एक मस्जिद तक बना दी गई है। कुछ मकानों के निर्माण में किले की ऐतिहासिक लाखोरी ईंटें भी निकाली गई हैं, जिनकी दीवारें आज भी बाहर से स्पष्ट देखी जा सकती हैं। इसके अलावा किले के आसपास अतिक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है जिससे न केवल धरोहर को नुकसान हो रहा है, बल्कि ऐतिहासिक महत्व भी खतरे में पड़ गया है।
सुशील रावत ने पूर्व में इस मामले को उत्तर प्रदेश मंडलायुक्त लखनऊ, जिलाधिकारी, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) एवं अधीक्षक पुरातत्वविद, लखनऊ मंडल से भी शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।समाजसेवी ने जिलाधिकारी से आग्रह किया कि वह तत्काल अतिक्रमण की जांच कराकर अवैध निर्माणों को हटवाने का आदेश दें और ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित कराने की दिशा में आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें।