योग के माध्यम से हम परम चेतना से जुड़ते हैं योग से होता जीवन का वास्तविक दर्शन – गिरीश पति त्रिपाठी

योग ऋषियों की अमूल्य धरोहर – प्रो. एस एस मिश्र
बलराम मौर्य / बालजी हिन्दी दैनिक
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के परिप्रेक्ष्य में आज 12 जून को कुलपति कर्नल डॉ. बिजेंद्र सिंह के विशिष्ट निर्देशन में सामूहिक सूर्य नमस्कार योगाभ्यास का आयोजन प्रातः 7:00 बजे योग विभाग द्वारा कौटिल्य प्रशासनिक भवन के सामने किया गया। आयोजन में मुख्य अतिथि अयोध्या महानगर के महापौर, महंत गिरीशपति त्रिपाठी एवं विशिष्ट अतिथि एआरटीओ अयोध्या, आर पी सिंह रहे। महापौर गिरीशपति त्रिपाठी ने कहा कि योग के माध्यम से हम परम चेतना से जुड़ते हैं। योग से जीवन का वास्तविक दर्शन होता है। आज पूरी दुनिया को योग भारत ने दिया है। योग उत्सव नहीं है। यह एक नित्यक्रिया से जुड़ी जीवनचर्या है। उन्होंने सभी से अपील किया कि सब लोग नित्य समय निकालकर योग को दिनचर्या का अंग बनाएं। गीता के छठवें अध्याय का उल्लेख करते हुए महापौर ने कहा कि सभी कर्मों को कुशलता से करने की साधना योग है। योग से जीवन को नए तरीके से देखने का अवसर मिलेगा। अयोध्या पावन भक्ति की धरती है, यहां के लोग परम चैतन्य से सीधे जुड़ते हैं।
स्वागत उद्बोधन में संस्थान के निदेशक प्रो. एस एस मिश्र ने कहा कि सामूहिक सूर्य नमस्कार ऊर्जा एवं एकाग्रता का अनुभव कराता है। योग ऋषियों की अमूल्य धरोहर है इसी क्रम में सूर्य नमस्कार आसनों का विशिष्ट समूह है, जो हमारे शरीर,मन और विचारों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। सूर्य जगत की आत्मा है। सामूहिक सूर्य नमस्कार करने का उद्देश्य सूर्य की चेतना को विस्तारित करना है। कार्यक्रम को संचालित करते हुए डॉ. अनुराग सोनी ने कहा कि सूर्य नमस्कार के अभ्यास से शरीर के सभी अंग सक्रिय हो जाते हैं। योग का पहला नियम अनुशासन है, जो सांस को सांस के क्रम से जोड़ता है। इस अवसर प्रो. शैलेंद्र कुमार वर्मा प्रो. सुरेंद्र मिश्र.डॉ दिनेश सिंह. डॉ. कपिल राणा, डॉ. अनुराग पाण्डेय, डॉ. शिवांश कुमार, राजीव त्रिपाठी, गायत्री वर्मा, आलोक तिवारी, मोहिनी पाण्डेय,दिवाकर पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं सहित लोगों ने प्रतिभाग़ किया।